Facebook Me Fake Id Ka Kaise Pata Kare Hindi Me Jaane

Facebook Me Fake Id Ka Kaise Pata Kare Hindi Me Jaane



post by:-mahendra  raiger

"फेसबुक" में फेक आईडी का कैसे पता लगाये.. जाने पूरी डिटेल से,
साथ ही जाने 


> फेक आईडी पकड़ने के लिए खास मोबाइल एप्लीकेशन..
> फेक आईडी वालों से जुड़ने के क्या हो सकते हैं नुक्सान..


तो चलिए आपको पूरी तहकीकात के बाद फर्जी आईडी पकड़ने के मुख्य और संछेप में अलग-अलग तरीकों से रूबरू --
1.प्रोफाइल पिक्चर - कोई भी रियल अकाउंट वाले की कम से कम 2 या तो उससे ज्यादा अपनी असली तस्वीरें फेसबुक पर लगते हैं. यदि आपको कोई फ्रेंड-रिक्वेस्ट आती है तो सबसे जरूरी है कि आप अनजान व्यक्ति की प्रोफाइल चेक करें। 


यदि उसके फोटो पर आपको शक है तो..

> उस फोटो को सेव करें..
> फिर images.google.com में जाकर वो फोटो को ड्रॉप कर दें। यदि आपको वो गूगल पर वो फोटो मिलती-जुलती अलग-अलग वेबसाइट पर दिखे तो वह फेक है...


2. स्टेट्स अपडेट भी बयां करता है बहुत कुछ - फेक आईडी वालों की सबसे बड़ी पकड़ यह है ये लोग लम्बे समय तक अपना स्टे्टस अपडेट नहीं करते हैं. और यदि करते भी हैं तो गौर करिए लाइक,कमेंट वाले सिर्फ male है या कुछ फीमेल भी है.. यदि हर स्टेटस पर सिर्फ male मित्र की ही एकटीविटी दिखती है तो भी ये फेक हो सकता है...


5. अबाउट तो देखना ही चाहिए:- इन सब हथियारों पर किसी आईडी को परखने के बाद आपको उस फेक लगने वाली आईडी का "अबाउट" पेज देखना चाहिए। अगर यूजर ने अपनी स्कूल, कॉलेज, काम की जगह, रहने का स्थान जैसी जानकारियां नहीं दे रखीं हैं और डेटिंग ऑप्शन को ऑन किया हुआ है और महिला, पुरूष दोनों में इंट्रेस्टेड है, तो यह भांपने में देर नहीं लगानी चाहिए कि वह आईडी फर्जी या फेक है।


6. प्रोफाइल को ध्यान से पढ़ें: जो लोग फेक अकाउंट बनाते हैं, उनकी प्रोफाइल में या तो एजुकेशन डिटेल्स होती ही नहीं है या फिर किसी ऊंचे संस्थान का नाम दिया होता है. उदाहरण के तौर पर अगर कोई 24 साल का व्यक्ति दावा करता है कि वो किसी कंपनी का CEO है, तो यह अकाउंट फेक हो सकता है. ऐसे लोगों से बचना चाहिए.


7. फ्रेंड लिस्ट में भी रहती है जानकारी :- फेक फेसबुक आईडी की पहचान में उसकी फ्रेंड लिस्ट भी काफी मदद करती है। अगर संभावित आईडी के फ्रेंड्स में अपोजिट सेक्स के लोग बहुत ज्यादा हैं, तो समझा जाता है कि वह फेसबुक अकाउंट फर्जी है। विपरीत लिंग के लोगों का किसी प्रोफाइल में ज्यादा जुड़ा होना यह भी बताता है कि वह या तो मजे के लिए बनाया गया आईडी है या फिर डेटिंग के लिए लोगों को फांस रहा है।


8.फर्जी फेसबुक अकाउंट्स की सबसे कॉमन या आम हरकत यह होती है कि ये लोग जन्म दिनांक एक ही तरह से यूज करते हैं। जैसे कि 1-1-1990/1996 इत्यादि या फिर 31-12-1990/1996 इत्यादि। ऎसा करने की वजह होती है जो फर्जी जन्म दिनांक उन्होंने यूज करी है वह उनको याद रहे। और इसके हिसाब से वे अपनी उम्र कम ज्यादा करके बताकर लोगों को फंसा सके।


9.फेक आईडी में एक ही जेंडर के अधिकतर मित्र होते हैं..
10. मोबाइल नंबर भी है! अरे, वाह :- बहुत से युवक यह देखकर अतिप्रसन्न हो जाते हैं कि किसी गर्ल फेसबुक आईडी ने अपना मोबाइल नंबर भी कांटेक्ट इंफो में दे रखा है। फेक फेसबुक प्रोफाइल्स में यह बात आम है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि कोई भी आम लड़की अपने मोबाइल नंबर जनता में बांटेगी क्या? इसलिए विचार करें कि कोई भी ऎसी जानकारी जो लोग देना कम पसंद करते हैं, वह कोई क्यों दे रहा है...


> फेक आईडी पकड़ने के लिए खास मोबाइल एप्लीकेशन.


FAKE OFF App: इजरायल स्थित एक कंपनी ने ऐसा मोबाइल ऐप बनाया है जो फेसबुक पर फेक अकाउंट का पता लगाने में मदद करेगा. दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर फेक अकाउंट का पता लगाने का दावा करने वाला यह ऐप 'फेकऑफ' के नाम से पेश किया गया है. इजरायली डेवलपर इलिरैन शाचार (Eliran Shachar) ने इस ऐप को डिजाइन किया है. इलिरैन शाचार ने सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट्स की वजह से लोगों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए इस ऐप को बनाया है. 


फेकऑफ कैसे करता है काम: फेसबुक पर फेक अकाउंट कई ग्रुप्स में होते हैं. इनमें क्रिमिनल से लेकर कमर्शियल तक, लगभग सभी तरह के फेक अकाउंट मिल जाते हैं। फेकऑफ ऐप एक खास एल्गोरिदम का प्रयोग कर फेसबुक प्रोफाइल को 1 से लेकर 10 तक की रेंज में नंबर देता है. यह स्कैनिंग मौजूदा समय से पिछले एक साल (365 दिन) तक चलती है. 

ऐप में फेसबुक प्रोफाइल की कोई भी अलग गतिविधि को चेक किया जाता है और उस हिसाब से ही फेक अकाउंट का पता लगाया जाता है. इस ऐप में फेसबुक की टाइमलाइन की सभी गतिविधियां देखी जाती हैं.

 यह एप्लिकेशन https://www.fakeoff.me/पर मिलेगा। इस ऐप की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऐप के लॉन्च होने के दो महीनों के अंदर ही इसके 15000 यूजर्स बन गए थे. इस ऐप का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यूजर्स जो कुछ भी करेंगे, वो प्राइवेट रहेगा. इसके अलावा, रियल टाइम नोटिफिकेशन भी मिलेंगे. इसके अलावा, फेक ऑफ एप्लिकेशन की मदद से इमेज फ्रॉड स्कैन भी किया जा सकता है. फेकऑफ बनाने वाले इलिरैन शाचार (Eliran Shachar) ने जनवरी में इस ऐप को लॉन्च करते समय कहा था कि फेसबुक के 1.35 बिलियन यूजर्स में से लगभग 10 प्रतिशत फेक अकाउंट होते हैं. इस ऐप की मदद से यूजर्स को ऐसे अकाउंट और इनकी गतिविधियों से बचाया जा सकता है.

 शाचार के मुताबिक, ऐप की मदद से जांचे गए सभी अकाउंट्स में से 24 प्रतिशत फेक निकलते हैं. फेक ऑफ ऐप का एल्गोरिथम टेस्ट पूरी तरह से एक्युरेट तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन फिर भी इस ऐप को काफी हद तक सही अनुमान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इस ऐप का आधिकारिक पेज फेसबुक पर भी मिल जाएगा, जहां से आप इसे कम्प्यूटर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

> फेक आईडी वालों से जुड़ने के क्या हो सकते हैं नुक्सान
वैसे तो फेक आईडी वालों से जुड़ने का कई नुक्सान हो सकते है, जैसे - हो सकता है वो आपकी निजी जानकारी ले रहा हो, या तो हो सकता है फेक आईडी के पीछे कोई हैकर आपके एकाउंट पर हमला करने के लिए हो.. फर्जी आईडी के द्वारा आपको किसी प्रकार ठगी का शिकार कर करना चाहता हो..या तो अश्लिल बाते करना चाहता हो,


>>> जरुरी जानकारी - प्राइवेसी सेटिंग्स का रखें ख्याल: फेसबुक पर यूजर्स अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स का ख्याल रखें. अपनी फोटोज को लॉक करके रखें. इसके अलावा, यूजर्स अपनी फेसबुक प्रोफाइल की सेटिंग्स में जाकर प्राइवेसी लॉक भी लगा सकते हैं. इसमें कौन मैसेज कर सकता है, कौन फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज सकता है, कौन नोटिफिकेशन भेज सकता है और कौन टैग कर सकता है, इन सब फीचर्स पर यूजर्स अपने हिसाब से लॉक लगा सकते हैं।




किसी भी प्रश्न के लिए आप अपना प्रश्न कमेंट में लिख सकते हैं, धन्यवाद"

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